जिंदगी में हसी के साथ साथ ग़म
भी आता हे, कुछ ऐसे पल भी आते हेजो न किसी से कहा जा सकता हे, नहीकहे बिना रहा जा सकता हे।बस उन्ही लम्हों की परिणाम हे, कीआदमी एक कवि बन्ने, लिकने लगता हे ।जब मैंने अपने हालत को एक कविता
के सहारे लोगों के सामने पेश किया,
तब लोगों ने कहा, वह! क्या बात हे!!
इतने दिनों तक हमें पता ही नही था..
पर शायद ही कोई एक होता, जो,
मेरे लेखन को कविता के नज़र
से बहार देखता, तो मेरा कविता
लिखने का कोई मतलब मिलता..
किसी ने मुझे एक बार पुचा,
तुम जो भी लिखते हो, क्या वो सुच हे,
या फिर अपने कप्लानाओ के झलक हे,
जिसे इतनी खूबसूरती से समाते हो...
जवाब तो बस, उसी को देना था...- Nocturnal poet
"I make mistakes, I am out of control and at times hard to handle. But if you can't handle me at my worst, then you sure as hell don't deserve me at my best."
Saturday, September 19, 2009
जवाब के खोज में...
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